The Hindi daily Dainik Baskar quoted in its report published on 22.8.2015 about report of Seventh pay commission that the pay commission report will be submitted by second week of September 2015,
According to its report the Seventh Pay Commission report to be submitted to the government will be examined by the senior CoS, which will take two months. Then it will be submitted to the Ministry of Finance, which will be implemented from 1st January, 2016,
According to sources the fitment formula 2.86 would be recommended by 7th pay commission.
The report published in Hindi is given below…
7वें वेतनमान में दोगुना हो सकता है वेतन
सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट सरकार के सौंपे जाने के बाद वरिष्ठ सचिवों की समिति इसका परीक्षण करेगी, जिसमें दो महीने का समय लगेगा। इसके बाद इसे वित्त मंत्रालय को सौंपा जाएगा, जिसे वह अगले साल 1 जनवरी 2016 से लागू करने हरी झंडी देगा, इसे जस का तस मौजूदा वेतन का 2.86 गुना बढ़ाया जाने पर सरकार पर 1 लाख 28 हजार करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार आएगा। इधर केंद्रीय अधिकारी कर्मचारियों के संगठन ने सरकार को चेतावनी भी दे दी है कि यदि सेंट्रल-पे- कमीशन (सीपीसी) की रिपोर्ट में ज्यादा कटौती होती है तो वे हड़ताल पर भी जाने का कदम उठा सकते हैं।
सातवें वेतन आयोग से केंद्र सरकार कर्मचारियों की तनख्वाह दोगुनी होने की संभावना है। आयोग की रिपोर्ट सितंबर के दूसरे सप्ताह में केंद्र सरकार को सौंपी जाना है। केंद्र सरकार के 55 लाख कर्मचारियों में से एक लाख मप्र में कार्यरत हैं। नया वेतनमान 1 जनवरी 2016 से लागू होना है। सूत्रों के अनुसार सातवें वेतन आयोग में ग्रेड-पे को खत्म किया जा रहा है, जिसके स्थान पर 15 नए स्केल बनाए जा रहे हैं। इन स्केल में वेतनमान रहेंगे और उस पर महंगाई भत्ता देय होगा। इसी के अनुसार अन्य सुविधाओं मकान भाड़ा और परिवहन भत्ता दिया जाएगा। फिलहाल लागू छठे वेतनमान में कर्मचारियों की 33 साल की सेवा पूरी होने के बाद रिटायरमेंट का फार्मूला लागू है। इसके पीछे कर्मचारियों को रिटायरमेंट पर साढ़े सोलह महीने के वेतन के बराबर ग्रेच्युटी का भुगतान किया जाना है। इस सेवा के बाद कर्मचारी पूरी पेंशन का हकदार होता है। इसे सातवें वेतनमान में भी लागू किया जाना प्रस्तावित है।
अभी सीपीसी की रिपोर्ट सरकार को सौंपी जाना है, उस पर वरिष्ठ सचिवों की समिति विचार करेगी। इसके बाद इसे अंतिम रूप दिया जाएगा। इसमें जो भी विसंगति होगी, उस पर चर्चा करेंगे। – केकेएन कुट्टी, अध्यक्ष, केंद्रीय कर्मचारी परिसंघ
यह है प्रस्तावित स्केल
छठे वेतनमान ग्रेड-पे पे- बैंड (मूल वेतन) सातवां वेतनमान ( प्रस्तावित)
पीबी-1 में 2400 से 2800 रुपए ग्रेड-पे 5200-8650 रुपए तक 21000- 46000 रुपए
पीबी-2 में 4200 से 5400 रुपए ग्रेड-पे 9300- 15600 रुपए तक 56000 – 78000 रुपए
पीबी-3 में 5400 से 7600 रुपए ग्रेड-पे 15600-21900 रुपए तक 88000- 1,20000 रुपए
पीबी-4 में 8900 से 10,000 रुपए ग्रेड-पे 37400-43000 रुपए तक 1,48000 -1,62000 रुपए
एचएजी 75500 से 80,000 रुपए तक 1,93000 रुपए
अपेक्स स्केल 80,000 रुपए फिक्स्ड 2 ,13000 रुपए
कैबिनेट सेक्रेटरी 90,000 रुपए फिक्स्ड 2,40000 रुपए
नोट : फिलहाल अधिकारी-कर्मचारियों को मूल वेतन, ग्रेड-पे पर 113 प्रतिशत डीए, एचआरए एवं ट्रांसपोर्ट अलाउंस मिल रहा है। इसके अलावा 6 प्रतिशत डीए जुलाई का बकाया है।
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It is rumour.The Government is not at all ready to consider this demand
Sir wether minimum pay will raised from Rs18000 to Rs 21000? Or it is rumour?
VII CPC should devise central pay scale more attractive and bring laurels to CG Employees by introducing Central Service Pay(CSP) component too.
CG Employees have All India Service Liability(AISL)so those who are serving in other states away from their home state should compensate by this component.
This component necessarily be DA dependent so that those who are serving the country away from their native state be suitably compensated.
Every CG employee should have right to own a home at choice place anywhere in their home state on subsidy rates on completion of particular length of service.
Otherwise there is no fun in choosing central service away from families and friends.
According to sources the fitment formula 2.86 would be recommended by 7th pay commission. The difference between PB3 & PB4 category posts should be narrowed down from 1-1-2006 by giving higher fitment formula notionally to all PB3 posts w.e.f. 1-1-2006 and adjusted in 1-1-2016. Similarly other difference should be narrowed down from 1-1-2016. The Seventh Pay Panel should seriously take note of it & rectify the anomaly of VI Pay Commission while submitting Report to Finance Ministry